
लखनऊ में शुक्रवार रात की बारिश ने नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की पोल खोल दी। इंदिरा नगर सेक्टर 18 की रिंग रोड सर्विस लेन धंस गई, जिससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। PWD ने जिम्मेदारी LESA पर डालते हुए कहा कि बिना सूचना के ज़मीन में केबल डालने से यह हादसा हुआ। फिलहाल मरम्मत कार्य तेजी से जारी है।
इसराइल का बड़ा दावा: ईरान के क़ुम में हवाई हमला, टॉप कमांडर ढेर
KGMU में डॉक्टर सहित 10 लोग कोरोना संक्रमित, बच्चों तक पहुंचा संक्रमण
लखनऊ के केजीएमयू में तीन डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं—दो पुरुष और एक महिला। इनके अलावा 7 अन्य लोग भी संक्रमित हुए हैं। इलाज हॉस्टल में डॉक्टर्स की निगरानी में हो रहा है। यूपी में एक्टिव केस 255 हैं, जिनमें गौतम बुद्धनगर में सबसे ज़्यादा 155, लखनऊ में 37 और गाजियाबाद में 20 हैं।
सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में किया योग, जनता से दिनचर्या में शामिल करने की अपील
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित योग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाग लिया। उन्होंने कहा, “योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है।” सीएम ने योग को दिनचर्या में शामिल करने की अपील की और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
वंदे भारत ट्रेन में बवाल, सीट विवाद में यात्री की पिटाई
वंदे भारत ट्रेन में सीट को लेकर झगड़ा इतना बढ़ा कि एक यात्री को अधमरा कर दिया गया। घटना झांसी से भोपाल जाने वाली ट्रेन की है। आरोप है कि झगड़ा BJP विधायक राजीव सिंह परिहार के समर्थकों और यात्री के बीच हुआ।
नीरज चोपड़ा का पेरिस में जलवा, 88.16 मीटर के थ्रो से जीता गोल्ड
पेरिस डायमंड लीग में भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने 88.16 मीटर का थ्रो करते हुए प्रतियोगिता जीती। जर्मनी के जूलियन वेबर और ब्राज़ील के डॉ सिल्वा को पछाड़ते हुए उन्होंने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया।
“नोबेल का नॉमिनेशन या प्रचार? ट्रंप बोले- ‘शांति लाई है भाई, इनाम तो बनता है'”
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए शांति प्रयासों का हवाला देते हुए कहा कि वे “नोबेल शांति पुरस्कार” के हकदार हैं।
भारत-पाक सीजफायर का जिक्र
ट्रंप ने खासतौर पर भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए अपने “बैकडोर डिप्लोमैसी प्रयासों” का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर कई देशों के बीच तनाव कम करवाने में भूमिका निभाई, लेकिन उनकी कोशिशों को अब तक उचित मान्यता नहीं मिली।
“मैंने किया, मैं जानता हूं” – ट्रंप स्टाइल में बयानबाज़ी
पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, दुनिया में कई हिस्सों में शांति कायम हुई। अगर ये नोबेल के लायक नहीं है तो और क्या है?“
उन्होंने तंज कसते हुए ये भी जोड़ा कि, “नोबेल पाने के लिए दिखावा नहीं, असल काम चाहिए – जो मैंने किया है।“
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विवाद
ट्रंप के इस पोस्ट के बाद अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा तेज हो गई है। आलोचकों का मानना है कि ट्रंप की ये “नोबेल की मंशा” 2024 के चुनावी हार के बाद दोबारा ग्लोबल चर्चा में आने की रणनीति है।
ट्रंप की यह “नोबेल इच्छा” सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है या इसके पीछे कोई नई राजनीतिक चाल, यह तो समय बताएगा। लेकिन इतना तय है कि उन्होंने एक बार फिर खुद को हेडलाइन में ला दिया है — अपने ही अंदाज़ में।
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